जान बची तो लाखों पाए
करोना-जनित संकट की मार को और अब ज्यादा न सहने के फलस्वरूप अपने-अपने ठिकानों से घर-गाँव जाते और रास्तों में फंसे मज़दूरों का मर्मान्तक हाल लगभग हर चैनल अपनी लच्छेदार/भावपूर्ण कमेंटरी के साथ इन दिनों दिखा रहा है। शायद अपनी टी-आर-पी बढाने के लिए।